Maayi ke Sapne
• Written by user194492786
(Intro – Spoken)
ये कहानी है हर उस बच्चे की,
जिसकी जेब खाली थी, मगर सीना फौलाद का।
जिसे माँ ने चलना सिखाया… गिरते हुए भी।
(Verse 1)
भूख थी दोस्त, नींद थी कम,
बचपन बीता था जिम्मेदारी में थम।
कंधे पे बोझ, जेब में छेद,
फिर भी ख्वाब थे आसमां से भी ज़्यादा तेज़।
कचरे में कलम, रद्दी में किताब,
हर रात सोचा — कब आएगा वो जवाब?
माँ बोली – "बेटा, तू हार मत मान,
तेरे पसीने से ही बदलेगा ये जहान।"
(Hook / Chorus)
(x2)
Maayi ke sapne, aankhon mein palte,
Chhoti si duniya, par iraade hai balke.
Jisme hai aag, usse rok न पाए कोई,
Main likh raha hoon taqdeer, kalam banayi रोई।
(Verse 2)
माँ ने सिखाया – देना नहीं हार,
तेरे ही दम पे होगा परिवार सवार।
जले थे चूल्हे, कई बार भूखे,
फिर भी बोली माँ – "रख भरोसा, देख चमत्कार।"
मैं स्कूल नहीं, ज़िंदगी का छात्र,
हर गलती मेरी, बना मेरा मंत्र।
सपनों का वजन, मगर कंधा मजबूत,
तेरी ममता ने बनाया मेरा वजूद।
(Bridge)
ना कोई ब्रांड, ना दिखावे का स्टाइल,
फटी हुई शर्ट, पर दिल में थी फाइल –
जो खोलती थी ख्वाब, करती थी बात,
"बेटा तू करेगा नाम, होगा तेरा दिन खास!"
(Hook / Chorus)
(x2)
Maayi ke sapne, aankhon mein palte,
Chhoti si duniya, par iraade hai balke.
Jisme hai aag, usse rok न पाए कोई,
Main likh raha hoon taqdeer, kalam banayi रोई।
(Outro – Spoken with background beat fading)
ये बस मेरी नहीं,
हर उस माँ की कहानी है…
जिसने अपने आंचल से बेटे को ढाल बनाया।
बोलो – "Maayi ke sapne, sach ban के आएंगे!"